केंद्रीय भूजल बोर्ड (Central Ground Water Board) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार यदि सभी 30 राज्यों के भूजल का आकलन किया जाए, तो यह तथ्य उभरकर सामने आएगा कि भूजल का 62 प्रतिशत उपभोग कर लिया गया है।
पंजाब, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्य एक ऐसे चरण में हैं जहां अब और भूजल निकाला नहीं जा सकता है। इन राज्यों में भूजल की खपत क्रमशः 149%, 140% और 135% तक बढ़ रही है। ये राज्य अपने भूजल स्रोतों को फिर से भर नहीं सकते हैं।
एक साल में, गुजरात में लगभग 19.79 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का उपयोग होता है, जिसमें से 12.3 बीसीएम सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि 1.14 बीसीएम घरेलू और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार गुजरात की स्थिति राजस्थान की तुलना में बहुत अलग नहीं है, जो पहले से ही 140% भूजल का उपयोग कर रहा है।
भारत में हर वर्ष कुल 4000 अरब घनमीटर (Billion Cubic Meter-BCM) वर्षा होती है। देश के आंतरिक पुनर्भरण जल संसाधन करीब 1953 बीसीएम वार्षिक हैं जिनमें से उपभोग करने योग्य जल संसाधन प्रतिवर्ष 1086 बी.सी.एम. होते हैं। इनमें सतह और भूमिगत संसाधन क्रमशः 690 बी.सी.एम. तथा 396 बी.सी.एम. हैं। जनसंख्या में वृद्धि के कारण प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम होती जा रही है।