भारतनेट नेट परियोजना के तहत अक्टूबर 2018 तक देश में कुल 2-5 लाख ग्राम पंचायतों (जीपी) में से लगभग 50 प्रतिशत को हाई-स्पीड ओएफसी (Optical Fiber Cable) नेटवर्क के जरिए आपस में जोड़ दिया गया है, जबकि जून 2014 में यह आंकड़ा सिर्फ 59 ग्राम पंचायतों का ही था। शेष ग्राम पंचायतों को भी मार्च 2019 तक कनेक्ट करने की योजना है। भारतनेट परियोजना से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड का युग शुरू होने की आशा है।
पृष्ठभूमि
भारत सरकार ने 25 अक्टूबर 2011 को देश के 2,50,000 ग्राम पंचायतों में बैंडविड्थ के साथ ब्राडॅबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चत करने के लिए राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) की स्थापना को मंजूरी दी। बाद में इसको ही भारतनेट नेट परियोजना के नाम से जाना जाता है।
चरण-1: भारत नेट चरण-1 के अंतर्गत 1,00,000 ग्राम पंचायतों को कवर करने का काम दिसंबर, 2017 में पूरा कर लिया गया।
चरण-2: भारत नेट चरण-2 में शेष 1,50,000 ग्राम पंचायतों को 31 मार्च, 2019 तक विभिन्न मीडिया का इस्तेमाल करते हुए जोड़ा जाएगा। चरण-2 तीन मॉडलों राज्य सरकार मॉडल, सार्वजनिक प्रतिष्ठान मॉडल और निजी क्षेत्र मॉडल के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
सभी 2,50,000 ग्राम पंचायतों में व्यवहारिकता अंतर कोष के माध्यम से अंतिम स्थान की कनेक्टविटी के लिए प्रावधान किए गए हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में औसतन पांच वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट (एपी) होंगे। इनमें औसत रूप से तीन एक्सेस प्वाइंट शिक्षा केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, डाकघरों, थानों आदि के लिए होंगे। भारत नेट का उपयोग बीएसएनएल, सीएसबी, एसपीवी, टीएसपी तथा आईएसपी द्वारा ग्राम पंचायतों में सेवा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।