अपने साझा हितों को बनाए रखने के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) के साथ-साथ अन्य बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय फ्रेमवर्क के अंतर्गत आपस में सहयोग बढ़ाने पर भारत और चीन सहमति जताई। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने नियम आधारित बहुपक्षीय वैश्विक व्यापार के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्य बिन्दुओं एवं समय सीमा के साथ एक मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रूपरेखा (रोडमैप) तैयार करने पर सहमति हुई, ये दोनों ही देश दुनिया की सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं; जहां विश्व की 35 फीसदी आबादी रहती है और जो विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान करते हैं। हालांकि, इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार कुल वैश्विक व्यापार के 1 प्रतिशत से भी कम है।