33वां आसियान शिखर सम्मेलन नवंबर, 2018 के मध्य सिंगापुर में आयोजित किया गया। सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली हसीन लूंग ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन का विषय- ‘प्रतिरोधकता एवं नवप्रवर्तनशील’ (Resilient and Innovative) था।
33वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हुए पूर्वी एशिया शिखर सम्मलेन में भारत ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
इसके अलावा एशिया-प्रशांत देशों के साथ व्यापार निवेश को बढ़ावा देने, विज्ञान प्रौद्योगिकी का विस्तार करने और व्यापार तथा नौवहन के क्षेत्र में और ज्यादा स्वतंत्रता लाने पर चर्चा की गयी।
आसियान देशों में बढ़ता निवेश चीन के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि ऐसा होने पर आसियान देश आर्थिक रूप से मजबूत हो जायेंगे और उनकी निर्भरता चीन से कम हो जाएगी; हालांकि आसियान शिखर सम्म्मेलन में पारित हुए आसियान रणनीतिक साझेदारी विजन के अंतर्गत चीन और आसियान देश 2030 तक व्यापारिक सहयोग करते रहेंगे।