महाधिवक्ता अनु. 165 के अनुसार प्रत्येक राज्य का एक महाधिवक्ता होगा। वह भारत के महान्यायवादी के समान राज्य का प्रथम विधि अधिकारी होगा। वह राज्य के राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जायेगा और राज्यपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करेगा। संविधान में प्रावधान है कि राज्यपाल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त होने योग्य व्यक्ति को ही राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त करेगा। वह ऐसा पारिश्रमिक प्राप्त करेगा जो राज्यपाल अवधारित करेगा। अनु. 177 के अनुसार उसे राज्य के विधानमंडल के सदनों की कार्यवाहियों में भाग लेने और बोलने का अधिकार है, किंतु मतदान का अधिकार नहीं है। उसका यह कर्त्तव्य होगा कि वह उस राज्य की सरकार को विधि संबंधी विषयों पर सलाह दे तथा ऐसे अन्य कर्त्तव्यों का पालन करे जो समय-समय पर राज्य सरकार उसे सौंपे तथा ऐसे कार्यों का निर्वहन करे, जो संविधान अथवा किसी विधि द्वारा उसके अधीन किये गये हों। |
सरकारी कार्य का संचालन