तरल अपशिष्ट को आमतौर पर ग्रे पानी या काला पानी के रूप में वर्गीकृत किया जता है। ग्रे पानी (ज्यादातर रसोई, उद्यान, बाथरूम, होटल, सब्जी मंदी आदि से)। काला पानी (जिसमें शौचालय के रोगाणु होते हैं)। अनुमान है कि ग्रामीण क्षेत्रें में रहने वाले समुदाय को आपूर्ति किये गये पानी का लगभग 75 से 80 प्रतिशत ग्रे पानी बनता है। शोधन की विधि ऐसी होनी चाहिए कि अपशिष्ट पानी रोगाणु रहित हो जाए, कीटाणुओं को पैदा न होने दे और साथ ही उसे रिसाइकिल किया जाए अथवा पुनः प्रयोग किया जाए।
ग्रे पानी प्रबंधनः ग्रामीण परिवेश में ग्रे पानी को मोटे तौर पर निम्नलििखत श्रेणियों में बांटा जा सकता हैः
इसलिए ग्रे पानी प्रबंधन सिस्टम दो स्तरों पर स्थापित किया जा सकता है अर्थात
गाँवों में, ज्यादातर ग्रे पानी घरेलू स्तर पर उत्पन्न होता है। जब यह पानी घर से निकल जाता है, तो यह सामुदायिक ग्रे पानी बन जाता है। सामुदायिक स्तर पर ग्रे पानी का प्रबंधन अधिक जटिल कार्य है।