मुक्त व्यापार समझौता दो या दो से अधिक देशों के बीच में की गई एक व्यापारिक संधि है। यह संधि प्रायः दो देशों के बीच हो रहे व्यापार पर लगने वाले प्रशुल्क की दर को कम करती है अथवा पूरी तरह से समाप्त कर देती है। सरकार एफटीए और अधिमानी व्यापार समझौते के जरिए भारतीय निर्यातकों को विस्तृत मार्केट पहुंच के लिए इस तरह के समझौते कर रही है।
इस समझौते से दोनों देशों के निर्यातकों और उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा लाभ होता है। उपभोक्ताओं को जहां कम कीमत पर वस्तुएं मिलने से इनकी मांग अधिक करते हैं वहीं निर्यातकों को अपनी वस्तुएं निर्यात करने के अधिक अवसर मिलते हैं। आगे चलकर इस संधि से देशों को विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि, निवेश व मूलभूत संरचना के विकास में अभूतपूर्व सहायता मिलती है।
भारत ने हमेशा एक मुक्त, साम्यपूर्ण, स्पष्ट, भेदभाव रहित और नियम.आधारित अन्तरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था का समर्थन किया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि क्षेत्रीय और द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक सहयोग करार बहुपक्षीय व्यापार उदारीकरण के उद्देश्यको पूरा करने के लिए आधार का काम करते हैं, भारत अपने व्यापार भागीदार देशों/ब्लाकों के साथ क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय वार्ताओं में सक्रिय रूप से लगा है ताकि इसके निर्यातों के लिए बाजारों में विविधता लाई जा सके और उनका विस्तार किया जा सके। मुख्य मुक्त व्यापार करारों (एफटीए) से संबंधित कुछ हालिया घटनाक्रम इस प्रकार है।