सिविल सर्विसेज मेन्स परीक्षा 2020 सामान्य अध्ययन पेपर IV


प्रश्न 1.(a) व्यापक राष्ट्रीय शक्ति (सी.एन.पी.) के तीन मुख्य घटकों जैसे मानवीय पूंजी, मृदु शक्ति (संस्कृति और नीतियां) तथा सामाजिक सद्भाव की अभिवृद्धि में नीतिशास्त्र और मूल्यों की भूमिका का विवेचन कीजिए। (150 शब्द)

(b) ‘‘शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, यह व्यक्ति के समग्र विकास और सामाजिक बदलाव के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है।’’ उपरोक्त कथन के आलोक में नई शिखा नीति, 2020 (एन.इ.पी. 2020) का परीक्षण कीजिए। (150 शब्द)


प्रश्न2.(a) ‘घृणा व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और अन्तःकरण के लिए संहारक है, जो राष्ट्र के चित को विषाक्त कर सकती है।’ क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर की तर्कसंगत व्याख्या करें। (150 शब्द)

(b) संवेगात्मक बुद्धि के मुख्य घटक क्या हैं? क्या उन्हें सीखा जा सकता है? विवेचना कीजिए। (150 शब्द)


प्रश्न 3.(a) बुद्ध की कौन सी शिक्षाएं आज सर्वाधिक प्रासंगिक हैं और क्यों? विवेचना कीजिए। (150 शब्द)

(b) ‘शक्ति की इच्छा विद्यमान है, लेकिन विवेकशीलता और नैतिक कर्त्तव्य के सिद्धांतों से उसे साधित और निर्देशित किया जा सकता है।’ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिए। (150 शब्द)


प्रश्न 4.(a) विधि और नियम के बीच विभेदन कीजिए। इनके सूत्रीकरण में नीतिशास्त्र की भूमिका का विवेचन कीजिए। (150 शब्द)

(b) सकारात्मक अभिवृत्ति एक लोक सेवक की अनिवार्य विशेषता मानी जाती है जिसे प्रायः नितान्त दबाव में कार्य करना पड़ता है। एक व्यक्ति की सकारात्मक अभिवृत्ति में क्या योगदान देता है? (150 शब्द)


प्रश्न 5.(a) भारत में लैंगिक असमानता के लिए कौन से मुख्य कारक उत्तरदायी हैं? इस संदर्भ में सावित्रीबाई फूले के योगदान का विवेचन कीजिए। (150 शब्द)

(b) ‘सामयिक इंटरनेट विस्तारण ने सांस्कृतिक मूल्यों के एक भिन्न समूह को मनासीन किया है, जो प्रायः परम्परागत मूल्यों से संघर्षशील रहते हैं।’ विवेचना कीजिए। (150 शब्द)


प्रश्न 6. निम्नलिखित में से प्रत्येक उद्धरण का आपके विचार से क्या अभिप्राय है?

(a) ‘‘किसी की भर्त्सना नहीं कीजिएः अगर आप मदद का हाथ आगे बढ़ा सकते हैं, तो ऐसा कीजिए। यदि नहीं तो आप हाथ जोडि़ए, अपने बंधुओं को आशीर्वचन दीजिए और उन्हें अपने मार्ग पर जाने दीजिए।’’ -स्वामी विवेकानंद (150 शब्द)

(b) ‘‘स्वयं को खोजने का सर्वोत्तम मार्ग यह है कि अपने आप को अन्य की सेवा में खो दें।’’- महात्मा गांधी (150 शब्द)

(c) ‘‘नैतिकता की एक व्यवस्था जो कि सापेक्ष भावनात्मक मूल्यों पर आधारित है केवल एक भ्रांति है, एक अत्यंत अशिष्ट अवधारण जिसमें कुछ भी युक्तिसंगत नहीं है और न ही सत्य।’’ - सुकरात (150 शब्द)


खण्ड ‘B’


प्रश्न 7. राजेश कुमार एक वरिष्ठ लोक सेवक हैं, जिनकी ईमनदारी और स्पष्टवादिता की प्रतिष्ठा है, आजकल वित्त मंत्रलय के बजट विभाग के प्रमुख हैं। वर्तमान में उनका विभाग राज्यों को बजटीय सहायता की व्यवस्था करने में व्यस्त हैं, जिनमें से चार राज्यों में इसी वित्तीय वर्ष में चुनाव होने वाले हैं।

इस वर्ष के वार्षिक बजट ने राष्ट्रीय आवास योजना (एन.एच.एस.) को 8300 करोड़ रुपए आबंटित किए थे। यह समाज के कमजोर समूहों के लिए केंद्र प्रायोजित सामाजिक आवास योजना है। जून माह तक 775 करोड़ रुपये एन.एच.एस. हेतु लिए गए हैं।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य मंत्रलय काफी समय से एक दक्षिणी राज्य में विशेष आर्थिक जोन (एस.ई.जेड) स्थापित करने की पैरवी कर रहा है। केंद्र और राज्य के मध्य दो वर्षों तक चली विस्तृत चर्चा के बाद अगस्त माह में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी। आवश्यक भूमि प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई।

18 माह पूर्व एक उत्तरी राज्य में क्षेत्रीय गैस ग्रिड के लिए एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ने विशाल गैस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता बताई थी। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (पी.एस.यू.) के पास आवश्यक भूमि पहले से ही है। राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा व्यूहरचना में यह गैस ग्रिड एक अनिवार्य घटक है। वैश्विक बोली (ग्लोबल बिडिंग) के तीन चरणों के बाद इस योजना को एक बहुराष्ट्रीय उद्योग (एम.एन.सी.) मैसर्स एक्स वाई जेड हाइड्रोकार्बन को आबंटित किया गया। दिसंबर में इस बहुराष्ट्रीय उद्योग को भुगतान की पहली किश्त देना निर्धारित है।

इन दो विकास योजनाओं को समय से 6000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि आबंटित करने के लिए वित्त मंत्रलय को कहा गया। यह निर्णय लिया गया कि पूरी राशि एन.एच.एस. आबंटन में से पुनर्विनियोजित करने की संस्तुति की जाए। फाइल को समीक्षा और अग्रिम कार्यवाही के लिए बजट विभाग में प्रेषित कर दिया गया। फाइल का अध्ययन करने पर राजेश कुमार को यह आभास हुआ कि पुनर्विनियोजन करने से एन.एच.एस. योजना को क्रियान्वित करने में अत्यधिक विलम्ब हो सकता है, वरिष्ठ राजनेताओं के द्वारा आयोजित सभाओं में इस योजना की काफी चर्चा हुई थी। दूसरी ओर वित्त की अनुपलब्धता से एस.ई.जेड. में वित्तीय क्षति होगी और अंतरराष्ट्रीय योजना में विलम्बित भुगतान से राष्ट्रीय र्श्मिंदगी भी।

राजेश कुमार ने इस प्रसंग पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्हें बताया गया कि राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील स्थिति पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। राजेश कुमार ने महसूस किया कि एन.एच.एस. योजना से राशि के विपयन पर सरकार के लिए संसद में कठिन प्रश्न खड़े हो सकते हैं।

इस प्रसंग के संदर्भ में निम्नलिखित का विवेचन कीजिए।

(a) कल्याणकारी योजना से विकास योजना में राशि के पुनर्विनियोजन में निहित नीतिपरक मुद्दे।

(b) सार्वजनिक राशि के उचित उपयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, राजेश कुमार के समक्ष उपलब्ध विकल्पों का विवेचन कीजिए। क्या पदत्याग एक योग्य विकल्प है? (250 शब्द)


प्रश्न 8. भारत मिसाइल लिमिटेड (बी.एम.एल.) के अध्यक्ष टीवी पर एक कार्यक्रम देख रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के विकास की आवश्यकता पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। अवचेतन रूप में उन्होंने हामी भरी और मन ही मन मुस्कुराते हुए बी.एम.एल. की विगत दो दशकों की यात्र की मानसिक पुनर्समीक्षा की। प्रथम पीढ़ी (फर्स्ट जेनरेशन) की एण्टी-टैंक गाईडेड मिसाइल (ए.टी.जी.एम.) के उत्पादन में प्रशंसनीय रूप से आगे बढ़ कर बी.एम.एल. अब अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित ए.टी.जी.एम. हथियार प्रणालियों के डिजाइन और उनका उत्पादन कर रहा था, जो विश्व की किसी भी सेना के लिए ईर्ष्या का कारण होंगे। आह भरते हुए उन्होंने अपनी इस पूर्वधारणा के साथ समझौता किया कि संभवतया सरकार सैनिक हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध की यथास्थिति को नहीं बदलेगी।

उन्हें आश्चर्य हुआ कि अगले ही दिन महानिदेशक, रक्षा मंत्रलय से बी.एम.एल. द्वारा ए.टी.जी.एम. के उत्पादन में वृद्धि करने की रीतियों पर चर्चा करने के लिए उन्हें फोन आया क्योंकि संभावना है कि एक मित्र विदेशी देश को उनका निर्यात किया जा सकता है। महानिदेशक चाहते थे कि अध्यक्ष अगले सप्ताह दिल्ली में उनके अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करें।

दो दिन बाद, एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षामंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में वे वर्तमान हथियार निर्यात स्तरों को दो-गुना करने का ध्येय रखते हैं। यह देशज हथियारों के विकास और निर्माण के वित्तपोषण को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी देशज हथियार निर्माता राष्ट्रों का अंतरराष्ट्रीय हथियार व्यापार में बड़ा अच्छा रिकॉर्ड है।

बी.एम.एल. के अध्यक्ष के रूप में निम्नलिखित बिंदुओं पर आपके क्या विचार हैं।

(a) हथियार निर्यातक के रूप में भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिपरक मुद्दे क्या हैं?

(b) विदेशी सरकारों को हथियारों के विक्रय संबंधी निर्णय को प्रभावित करने वाले पांच नीतिपरक कारकों को सूचीबद्ध कीजिए। (250 शब्द)


प्रश्न 9. रामपुरा, एक सुदूर जनजाति बहुल जिला, अत्यधिक पिछड़ेपन और दयनीय निर्धनता से ग्रसित है। कृषि स्थानीय आबादी की आजीविका का मुख्य साधन है लेकिन बहुत छोटे भूस्वामित्व के कारण यह मुख्यतया निर्वाह खेती तक सीमित है। औद्योगिक या खनन गतिविधियां यहां नगण्य हैं। यहां तक कि लक्ष्यित कल्याणकारी कार्यक्रमों से भी जनजाति आबादी को अपर्याप्त लाभ हुआ है। इस प्रतिबंधित परिदृश्य में पारिवारिक आय के अनुपूरण हेतु युवाओं को समीप स्थित राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है। अवयस्क लड़कियों की व्यथा यह है कि श्रमिक ठेकेदार उनके माता-पिता को बहला फुसला कर उन्हें एक नजदीक राज्य में बी.टी. कपास फार्मों में काम करने भेज देते हैं। इन अवयस्क लड़कियों की कोमल अंगुलियां कपास चुनने के लिए अधिक उपयुक्त होती हैं। इन फार्मों में रहने और काम करने की अपर्याप्त स्थितियों के कारण अवयस्क लड़कियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो गई हैं। मूल निवास और कपास फार्मों के जिलों में स्वयंसेवी संगठन भी निष्प्रभावी लगते हैं और उन्होंने क्षेत्र के बाल श्रम और विकास की दोहरी समस्याओं हेतु कोई ठोस प्रयास नहीं किए हैं।

आप को रामपुरा का जिला कलेक्टर नियुक्त किया जाता है। यहां निहित नीतिपरक मुद्दों की पहचान कीजिए। अपने जिले के संपूर्ण आर्थिक परिदृश्य को सुधारने और अवयस्क लड़कियों की स्थितियों में सुधार लाने के लिए आप क्या विशिष्ट कदम उठाएंगे? (250 शब्द)


प्रश्न 10. आप एक बड़े नगर के निगम आयुक्त हैं तथा आपकी छवि एक अत्यंत ईमानदार और कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी की है। आपके नगर में एक विशाल बहुउद्देशीय मॉल निर्माणाधीन है जिसमें बड़ी संख्या में दैनिक मजदूरी पानी वाले श्रमिक कार्यरत हैं। मानसून के दौरान एक रात छत का बड़ा भाग गिर जाता है, जिससे चार श्रमिकों की तत्कालिक मृत्यु हो जाती है जिनमें दो अवयस्क हैं। अनेक श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तत्काल चिकित्सा सेवा की आवश्यकता थी। दुर्घटना से मचे हाहाकार ने सरकार को जांच के आदेश देने हेतु बाध्य किया।

आपकी प्रारंभिक जांच में अनेक विसंगतियों का खुलासा हुआ। निर्माण में लाई गई सामग्री निम्न गुणवत्ता की थी। स्वीकृत निर्माण योजना में केवल एक निम्नतल की अनुमति थी लेकिन एक अतिरिक्त निम्नतल का निर्माण कर लिया गया। नगर निगम के इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर किए गए निरीक्षण के दौरान इसको अनदेखा किया गया। अपनी जांच के दौरान आपने पाया कि मास्टर प्लान में उल्लिखित हरित पट्टी एवं एक अभिगम मार्ग के प्रावधान के बाद भी मॉल के निर्माण को अनुमति प्रदान कर दी गई। मॉल के निर्माण की स्वीकृति पूर्व निगम आयुक्त के द्वारा दी गई थी जो न केवल आपके वरिष्ठ हैं और पेशेवर रूप से आपसे अच्छी तरह परिचित हैं साथ ही आपके अच्छे मित्र भी हैं।

प्रथमदृष्टता, यह प्रसंग नगर निगम के अधिकारियों और निर्माणकर्त्ता के बीच व्यापक सांठगांठ प्रतीत होता है। आपके सहकर्मी आप पर जांच को मंद गति से करने का दबाव डाल रहे हैं। निर्माणाकर्त्ता, जो कि समृद्ध और प्रभावशाली है, राज्य मंत्रिमंडल के एक शक्तिशाली मंत्री का निकट का रिश्तेदार है। निर्माणकर्त्ता आपको बड़ी राशि देने का वादा कर के प्रसंग को रफादफा करने के लिए बहला फुसला रहा है। वो यह भी ईशारा करता है कि यदि प्रसंग उसके हित में शीघ्र निपटाया नहीं जाता है तो कार्यालय में कोई आपके विरूद्ध यौन उत्पीड़न कार्यस्थल अधिनियम (पोश एक्ट) के अंतर्गत मामला दर्ज करने का इंतजार कर रही है।

इस प्रसंग में निहित नीतिपरक मुद्दों का विवेचन कीजिए। इस परिस्थिति में आपके पास कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? आप के , द्वारा चयनित क्रियाविधि को स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)


प्रश्न 11. परमल एक छोटा लेकिन अविकसित जिला है। यहां की जमीन पथरीली है, जो कृषि योग्य नहीं है, यद्यपि थोड़ी जीविका कृषि जमीन के छोटे टुकड़ों पर की जाती है। क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा होती है और सिंचाई की एक नहर वहां से बहती है। अमरिया एक मध्यम श्रेणी का शहर है जो कि इस जिले का प्रशासनिक केंद्र है। यहां एक बड़ा जिला अस्पताल, एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और कुछ निजी कौशल प्रशिक्षण केंद्र हैं। एक जिला मुख्यालय की सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं। अमरिया से लगभग 50 कि-मी- दूर एक मुख्य रेलवे लाईन गुजरती है। इसकी कमजोर संयोजकता यहां पर किसी भी प्रकार के बड़े उद्योग के अभाव का मुख्य कारण है। नए उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 10 वर्षों के लिए करावकाश दे रखा है।

वर्ष 2010 में अनिल, एक उद्योगपति ने विभिन्न लाभों को लेने के लिए नूरा गांव में, जो कि अमरिया से 20 कि-मी- दूर है, अमरिया प्लास्टिक वर्क्स (ए.पी.डब्ल्यू.) स्थापित करने का निर्णय लिया। जिस समय इस फैक्टरी का निर्माण हो रहा था तब अनिल ने आवश्यक मुख्य श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें अमरिया के कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित करवाया। उसके इस कृत्य से मुख्य श्रमिक ए.पी.डब्ल्यू. के प्रति बहुत वफादार हो गए।

नूरा गांव से ही सभी श्रमिकों को लेकर ए.पी.उब्ल्यू. ने 2011 में उत्पादन प्रारंभ किया। अपने घरों के पास ही रोजगार प्राप्त कर के गांव वाले बहुत खुश थे और मुख्य श्रमिकों ने उन्हें उत्पादन के लक्ष्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए प्रेरित किया। ए.पी.डब्ल्यू. ने बहुत लाभ कमाना प्रारंभ किया जिसका एक बड़ा भाग नूरा गांव में जीवन स्तर को सुधारने के लिए उपयोग में लिया गया। 2016 तक नूरा गांव एक हरा-भरा गांव होने का तथा गांव के मंदिर के पुनर्निर्माण पर गर्व कर सकता था। स्थानीय विधायक से संपर्क साध कर अनिल ने अमरिया जाने के लिए गांव से बस सेवाओं की निरंतरता भी बढ़ा दी। सरकार ने पूरा गांव में ए.पी.डब्ल्यू. द्वारा निर्मित भवनों में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक विद्यालय भी खोल दिया। अपने सी.एस.आर. कोष का उपयोग करते हुए ए.पी.डब्ल्यू. ने महिला स्वयं सहायता समूह स्थापित किए, गांव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए उपदान प्रदान किया और अपने कर्मचारियों और गरीबों के उपयोग के लिए एक रोगी वाहन प्राप्त किया।

2019 में ए.पी.डब्ल्यू. में एक छोटी सी आग लगी। चूंकि फैक्टरी में अग्नि शमन सुरक्षा की उपयुक्त व्यवस्था थी इसलिए आग को शीघ्र बुझा दिया गया। जांच में पता चला कि फैक्टरी अपनी अधिकृत क्षमता से अधिक बिजली का उपयोग कर रही थी। इसे शीघ्र ही सुलझा लिया गया। अगले वर्ष, देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पादन की आवश्यकता में चार महीनों के लिए गिरावट आ गई। अनिल ने निर्णय लिया कि सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से भुगतान किया जाएगा। उसने कर्मचारियों को वृक्षरोपण और गांव के प्राकृतिक वास को सुधारने के लिए काम में लिया।

ए.पी. डब्ल्यू. ने उच्च स्तरीय उत्पादन और अभिप्रेरित श्रमिक बल की ख्याति अर्जित की।

ए.पी.डब्ल्यू. की कहानी का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए और अंतर्निहित नीतिपरक मुद्दों का उल्लेख कीजिए। क्या आप ए.पी.डब्ल्यू. को पिछड़े हुए क्षेत्रें के विकास के लिए आदर्श मॉडल के रूप में देखते हैं? कारण दीजिए। (250 शब्द)


प्रश्न 12- नगरीय अर्थतंत्र के सहायक श्रमिक बल के रूप में मूक रह कर सेवा प्रदान करते हुए, प्रवासी श्रमिक सदैव हमारे समाज के सामाजिक-आर्थिक हाशिये पर रहे हैं। महामारी ने उन्हें राष्ट्रीय केंद्र बिंदु पर ला दिया है।

देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा से प्रवासी श्रमिकों की एक बड़ी संख्या ने अपने रोजगार के स्थानों से अपने मूल गांवों को लौटने का निर्णय लिया। आवागमन की अनुपलब्धता ने अपनी समस्याएं खड़ी कर दी। इसके अलावा अपने परिवारों की भूखमरी और असुविधा का डर भी उन्हें सता रहा है। इनके चलते प्रवासी श्रमिकों ने अपने गांवों को लौटने के लिए मजदूरी और आवागमन की सुविधाएं मांगी। उनकी मानसिक व्यथा बहु कारणों से और भी बढ़ गई जैसे आजीविका का आकस्मिक नुकसान, भोजन के अभाव की संभावना और समय पर घर नहीं पहुंच पाने से रवि की फसल की कटाई में मदद नहीं करने की असमर्थता। उनकी आशंकाएं ऐसी खबरों से और भी बढ़ गई जिनमें रास्ते में कुछ जिलों में रहने और खाने के अपर्याप्त प्रबंध के बारे में बताया गया था।

जब आपको अपने जिले के जिला आपदा मोचन बल की कार्यवाही का संचालन करने की जिम्मेदारी दी गई थी तो इस परिस्थिति से आपने अनेक सबक हासिल किए। आपके मतानुसार सामयिक प्रवासी संकट में क्या नीतिपरक मुद्दे उभर कर आए? एक नीतिपरक सेवा प्रदाता राज्य से आप क्या समझते हैं? समान परिस्थितियों में प्रवासियों की पीड़ाओं को कम करने में सभ्य समाज क्या सहायता प्रदान कर सकता है? (250 शब्द)