कुम्भ महोत्सव
कुम्भ महोत्सव के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- पापों से मुक्ति पाने के लिए नदियों में स्नान करने वाले धार्मिक संस्कार 'अथर्ववेद' में उल्लेखित हैं।
- कुम्भ मेला का सबसे पहला साक्ष्य फ़ा-शियान के "बौद्ध राज्यों का एक अभिलेख" नामक यात्रा वृत्तांत में मिलता है।
- कुम्भ मेला का आयोजन 10 वर्षों के दौरान 4 बार दौरान किया जाता है।
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Explanation :
कुम्भ महोत्सव:
- हिन्दू धर्म के अनुसार कुम्भ को 12 वर्षों के दौरान 4 बार हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है।
- ऐतिहासिक साक्ष्य काल निर्धारण के रूप में राजा हर्षवर्धन का शासन काल (664 ईसा पूर्व) के प्रति संकेत करते हैं जब कुंभ मेला को विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के मध्य व्यापक मान्यता प्राप्त हो गयी थी। प्रसिद्व यात्री हवेनसांग ने अपनी यात्रा वृत्तांत में कुम्भ मेला की महानता का उल्लेख किया है। यात्री राजा हर्षवर्धन की दानवीरता का उल्लेख भी करता है।
- पापों से मुक्ति पाने के लिए नदियों में स्नान करने वाले धार्मिक संस्कारों का उल्लेख 'ऋग्वेद' में उल्लेख मिलता है, जबकि कुम्भ में प्रार्थना करने वाले धार्मिक संस्कारों का उल्लेख यजुर्वेद और अथर्ववेद में मिलता है।
समाचार का महत्व:
प्रयागराज में चल रहे अर्ध कुम्भ महोत्सव, 2019 की शुरूआत 15 जनवरी को हुई जोकि 4 मार्च, 2019 तक चला। इस वर्ष कुम्भ मेले के लिए अब तक का सर्वाधिक बजट (4,200 करोड़ रुपये) आवंटित किया गया है, जो कि वर्ष 2013 में आयोजित महाकुम्भ के बजट का भी तीन गुना है। इसके अलावा भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अनुमान के अनुसार प्रयागराज में चल रहे इस अर्ध कुम्भ महोत्सव से उत्तर प्रदेश सरकार को 1.2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है, जो कि इस महोत्सव की प्रासंगिकता को और अधिक बढ़ा देता है।
स्रोत: द हिन्दू