सामयिक - 25 April 2025

सामयिक खबरें राष्ट्रीय

भारत में अंतर्देशीय जलमार्गों पर माल ढुलाई में रिकॉर्ड वृद्धि


24 अप्रैल ,2025 को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 145.5 मिलियन टन से अधिक माल का परिवहन किया गया। यह आंकड़ा 2013-14 के 18.1 मिलियन टन से आठ गुना अधिक है, जो जलमार्गों के विकास और सरकार की नीतिगत पहलों का परिणाम है।

प्रमुख तथ्य और आंकड़े:

  • माल ढुलाई में वृद्धि: राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल यातायात 2013-14 में 18.10 मिलियन टन से बढ़कर 2024-25 में 145.5 मिलियन टन हो गया, जो लगभग 20.86% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्शाता है।
  • वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2024-25 में पिछले वर्ष की तुलना में 9.34% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • प्रमुख वस्तुएं : कोयला, लौह अयस्क, लौह अयस्क के कण, रेत और फ्लाई ऐश कुल माल का 68% से अधिक हिस्सा बनाते हैं।
  • राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या में वृद्धि: 2014-15 में पांच राष्ट्रीय जलमार्ग थे, जो 2023-24 में बढ़कर 111 हो गए। इसके अतिरिक्त, 2014-15 में 24 जलमार्ग संचालित थे, जो 2024-25 में 29 हो गए।
  • सरकारी पहलें और योजनाएं: दिसंबर 2024 में शुरू हुई जलवाहक योजना के तहत माल स्वामियों को जलमार्ग यात्रा के वास्तविक संचालन व्यय का 35% तक प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके अलावा, डिजिटल एनओसी प्रणाली, फेयरवे विकास, रोल-ऑन/रोल-ऑफ (Ro-Ro) सेवाएं और नेविगेशन उपकरण जैसे नाउदार्शिका लागू किए गए हैं।

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हीलियम की सटीक मात्रा का पता लगाने की नई विधि विकसित


हाल ही मेंभारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन भारतीय एस्ट्रोफिजिक्स संस्थान (IIA) ने सूर्य के फोटोस्फीयर में हीलियम की मात्रा का सटीक अनुमान लगाने के लिए एक नई और विश्वसनीय विधि विकसित की है। यह अध्ययन “Astrophysical Journal” में प्रकाशित हुआ है और सूर्य के फोटोस्फीयर की अपारदर्शिता (opacity) का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रमुख तथ्य:

  • हीलियम की परंपरागत गणना में समस्या: सूर्य के फोटोस्फीयर में हीलियम के स्पेक्ट्रल लाइन नहीं होने के कारण इसकी मात्रा का अनुमान परोक्ष तरीकों से लगाया जाता था, जैसे कि सूर्य के कोरोना, सौर हवा या हीलोसिस्मोलॉजी अध्ययन से।
  • नई विधि का आधार: IIA के शोधकर्ताओं ने मैग्नीशियम और कार्बन के न्यूट्रल एटॉमिक और हाइड्रोजनेटेड अणु (MgH, CH, C2) के स्पेक्ट्रल लाइनों का विश्लेषण कर हीलियम की मात्रा का अनुमान लगाया। यह विधि हीलियम और हाइड्रोजन के सापेक्ष अनुपात (He/H) को 0.1 के करीब बताती है।
  • स्पेक्ट्रल लाइन विश्लेषण: मैग्नीशियम और कार्बन के परमाणु और अणु लाइनों के बीच सुसंगतता की जांच करके हीलियम की मात्रा का निर्धारण किया गया। यदि हीलियम की मात्रा बढ़ेगी, तो हाइड्रोजन की उपलब्धता कम होगी और इससे अणुओं के बनने की प्रक्रिया प्रभावित होगी।
  • हीलियम-हाइड्रोजन अनुपात का महत्व: हीलियम सूर्य में हाइड्रोजन के बाद दूसरा सबसे प्रचुर तत्व है, और इसका सटीक मापन सूर्य के भौतिक गुणों, जैसे अपारदर्शिता, को समझने में मदद करता है।
  • अन्य अध्ययनों से मेल: यह नया अनुमान हीलोसिस्मोलॉजिकल अध्ययनों के परिणामों के अनुरूप है, जो इस तकनीक की विश्वसनीयता और सटीकता को दर्शाता है।

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नई एंटीबायोटिक्स के उपयोग पर सख्त दिशानिर्देश


25 अप्रैल,2025 को संक्रमण रोग विशेषज्ञों ने भारत में शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स के अनुचित और व्यापक उपयोग पर चिंता जताई है, जिससे उनकी प्रभावशीलता कम हो रही है और दवा प्रतिरोध (ड्रग रेजिस्टेंस) बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने दवाओं के नियंत्रक जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से इन नई दवाओं के उपयोग के लिए कड़े नियम बनाने का आग्रह किया है।

प्रमुख तथ्य :

  • सीफ्टाजिडाइम-एविबैक्टम का दुरुपयोग: यह अंतिम विकल्प एंटीबायोटिक 2015 में अमेरिकी FDA द्वारा और 2018 में भारत में मंजूर किया गया था। इसे केवल कार्बापेनेम-प्रतिरोधी ग्राम-नेगेटिव संक्रमणों के लिए लक्षित थेरेपी के रूप में उपयोग करना चाहिए, लेकिन यह व्यापक रूप से गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है।
  • प्रतिरोध की समस्या: अज्ट्रोनम को अक्सर सीफ्टाजिडाइम-एविबैक्टम के साथ जोड़ा जाता है, लेकिन इस संयोजन के खिलाफ भी प्रतिरोध विकसित हो चुका है, जो अनुचित उपयोग का परिणाम है।
  • नई एंटीबायोटिक्स का आगमन: भारत में जल्द ही दो नई शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स, सेफेरोकोल और सेफेपाइम-ज़िडेबैक्टम, बाजार में आएंगी, जिनके उपयोग को नियंत्रित करना आवश्यक है।
  • नियामक दिशा-निर्देशों की कमी: DCGI ने इन दवाओं के लिए केवल उपयोग के संकेत दिए हैं, लेकिन कोई स्पष्ट नियामक मार्गदर्शन नहीं है जिससे गलत प्रिस्क्रिप्शन को रोका जा सके।
  • एमआरए संकट: भारत में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) एक गंभीर समस्या बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना त्वरित और सख्त कार्रवाई के यह संकट नियंत्रण से बाहर हो सकता है।

सामयिक सामान्य ज्ञान

 हाल ही में चर्चा में रहे,’पारेन्स पेट्रिया सिद्धांत’ के अनुसार, राज्य को किन समूहों की रक्षा करने का अधिकार है? -- कमजोर समूह जैसे नाबालिग और विकलांग व्यक्ति
 हाल ही में चर्चा में रहे,’अरुण-III परियोजना’ की क्षमता क्या है? -- 900 मेगावाट
 प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR) में शीतलक के रूप में किसका उपयोग होता है? -- तरल सोडियम
 अनौपचारिक विनिर्माण क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिशत कितना है? -- 43 प्रतिशत
 हाल ही में चर्चा में रहे,'तोझी' योजना किस राज्य से संबंधित है? -- तमिलनाडु से
 एंजाइम क्या होते हैं? -- प्रोटीन जो जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।

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