नई तालीम
- 11 Jan 2022
4 जनवरी, 2022 को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि नई शिक्षा नीति स्कूल स्तर पर शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा को महत्व देकर महात्मा गांधी की 'नई तालीम' (Nai Talim) का अनुसरण करती है।
महत्वपूर्ण तथ्य: 1937 में वर्धा में महात्मा गांधी द्वारा प्रस्तावित 'नई तालीम' में छात्रों को नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के अलावा मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने पर जोर दिया।
- नई तालीम, को बुनियादी शिक्षण के नाम से भी जाना जाता है। गांधीजी का मानना था कि ऐसी शिक्षा गांवों को आत्मनिर्भर बनाएगी।
- नई तालीम का उद्देश्य व्यक्तिगत विकास और सामाजिक विकास था।
- स्थानीय रूप से सुलभ प्रौद्योगिकी के साथ कार्य केंद्रित शिक्षा का दृष्टिकोण बुनियादी था
- नई तालीम चार सिद्धांतों पर आधारित थी, अर्थात्:
- हस्तशिल्प कार्य के साथ-साथ मातृभाषा में शिक्षा या अधिगम (learning);
- काम को स्थानीय सबसे उपयोगी व्यावसायिक जरूरतों से जोड़ा जाना चाहिए;
- अधिगम को व्यावसायिक कार्य से जोड़ा जाना चाहिए और;
- कार्य सामाजिक रूप से उपयोगी और जीवनयापन के लिए उत्पादक होना चाहिए।
अन्य तथ्य: 1975 में नागपुर में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान एक अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा की स्थापना 1997 में संसद द्वारा पारित एक विधेयक द्वारा की गई थी।
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