प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का निधन
- 22 May 2021
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और गांधीवादी सुंदरलाल बहुगुणा का 21 मई, 2021 को एम्स, ऋषिकेश में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।
- 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के टिहरी के मरोड़ा गाँव में जन्मे बहुगुणा ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था और बाद में विनोबा भावे के ‘सर्वोदय आंदोलन’ का हिस्सा बने थे।
- उन्होंने स्थानीय महिलाओं के साथ मिलकर 1970 के दशक में पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए 'चिपको आंदोलन' शुरू किया था।
- पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी, बहुगुणा ने 1980 के दशक में हिमालय में बड़े बांधों के निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया। वह लगातार टिहरी बांध के निर्माण का घोर विरोध कर रहे थे।
- बहुगुणा ने अस्पृश्यता का भी विरोध किया और वर्ष 1965 से 1970 के दशक की शुरुआत तक चले शराब विरोधी आंदोलन में भाग लेने के लिए पहाड़ों में महिलाओं को लामबंद किया था।
- टिहरी बांध परियोजना को रद्द करने से सरकार के इनकार पर उन्होंने 1981 में, पद्म श्री पुरस्कार को ठुकरा दिया था।
- बहुगुणा को 2009 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मानपद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 1986 में ‘जमनालाल बजाज पुरस्कार’ से भी सम्मनित किया गया था।
- 1987 में ‘चिपको आन्दोलन’ को ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड’ से भी सम्मनित किया गया था, जिसे 'वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार' के रूप में जाना जाता है।
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