फेम योजना - II
- 06 Jan 2020
- 3 जनवरी, 2020 को देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने पर जोर देने हेतु सरकार ने फेम इंडिया (FAME India - Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India) योजना चरण II के तहत 24 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 2636 चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को मंजूरी दी।
- इन 2636 चार्जिंग स्टेशनों में से 1633 चार्जिंग स्टेशन तीव्र चार्जिंग स्टेशन होंगे और 1003 धीमे चार्जिंग स्टेशन होंगे। इसके साथ चयनित शहरों में लगभग 14000 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
फेम योजना – II : एक नजर
- मार्च, 2019 में राष्ट्रीय विद्युत गतिशीलता मिशन (NEMM) के तहत शुरू फेम-II का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना और एक अप्रैल, 2019 से शुरू होकर 3 वर्षों की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के लागत के साथ वाणिज्यिक बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि करना है।
- योजना निम्नलिखित कार्यक्षेत्रों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है:
- मांग प्रोत्साहन (Demand Incentive)
- चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क की स्थापना
- प्रचार, IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों सहित योजना का प्रशासन।
- यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण सहयोग पर केंद्रित है, और इसका उद्देश्य लगभग 7000 ई-बसों, 500,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e-3W), 55,000 इलेक्ट्रिक चार-पहिया (e-4W) यात्री कारों और एक मिलियन इलेक्ट्रिक दोपहिया (e-2W) का प्रोत्साहन करना है।
- कुल बजटीय सहायता में से लगभग 86 प्रतिशत फंड मांग प्रोत्साहन के लिए आवंटित किया गया है, ताकि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग का सृजन हो सके।
उद्देश्य
- इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की खरीद पर अग्रिम सहायता और ईवी के लिए आवश्यक चार्जिंग अवसंरचना की स्थापना के माध्यम से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
मुख्य विशेषताएं
- सार्वजनिक परिवहन का विद्युतीकरण: सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण पर जोर दिया जाएगा, जिसमें 3-पहिया और बस जैसे परिवहन शामिल हैं और इलेक्ट्रिक बसों के लिए परिचालन व्यय मोड पर मांग प्रोत्साहन राज्य/शहर परिवहन निगमों (एसटीयू) के माध्यम से वितरित किए जाएंगे।
- सार्वजनिक और निजी वाहनों को प्रोत्साहन: तिपहिया और चार पहिया वाहनों के क्षेत्रों में, प्रोत्साहन मुख्य रूप से सार्वजनिक परिवहन या पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों पर लागू होगा। दोपहिया वाहनों में निजी वाहनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- लिथियम-आयन बैटरियों का विकास: उन्नत प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन (incentive) का लाभ केवल उन्हीं वाहनों को दिया जाएगा, जो उन्नत बैटरी जैसे लिथियम-आयन बैटरी और अन्य नई प्रौद्योगिकी वाली बैटरी से सुसज्जित हैं।
राष्ट्रीय विद्युत गतिशीलता मिशन योजना (NEMMP)
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प्रभाव
- प्रदूषण नियंत्रण: जीवाश्म ईंधन के अंधाधुंध उपयोग के कारण देश में ईवी को अपनाने से वायु प्रदूषण को दूर करने में मदद मिलेगी।
- जीवाश्म ईंधन का सतत उपयोग: यह योजना ईंधन सुरक्षा प्रदान करेगी क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करती है, जिससे जीवाश्म ईंधन के सतत और कुशल उपयोग का मार्ग प्रशस्त होता है।
- समग्र दृष्टिकोण: यह एक अधिक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, क्योंकि यह न केवल महत्वपूर्ण तकनीकी मुद्दों जैसे कि बैटरी की लागत और दक्षता, चार्जिंग अवसंरचना आदि का समाधान करता है, बल्कि संपूर्ण ईवी मूल्य श्रृंखला के स्वदेशीकरण पर भी जोर देता है।
भारत की विद्युत गतिशीलता पहल की चुनौतियांबढ़ता कच्चा तेल आयात - एक ऊर्जा सुरक्षा चुनौती
बढ़ता प्रदूषण स्तर - एक पर्यावरणीय चुनौती
बढ़ती जनसंख्या - एक सतत गतिशीलता चुनौती
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विद्युत गतिशीलता को बढ़ावा देने हेतु सरकार के प्रयास
- पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कर पहल:
- ईंधन बैटरी वाहनों पर जीएसटी में कमी: 28% से 18%
- लिथियम-आयन बैटरी पर जीएसटी में कमी: 28% से 12%
- हाइब्रिड वाहनों को लक्जरी कारों की ही श्रेणी में रखा गया है और इस पर 28% का कर और 15% का उपकर (cess) लगाया जाएगा।
- विद्युत मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए 'सेवा' के रूप में बिजली की बिक्री की अनुमति दी है। यह चार्जिंग बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
- सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने बैटरी चालित वाहनों के मामले में परमिट में छूट के संबंध में अधिसूचना जारी की।
- मार्च, 2019 में सरकार ने स्वच्छ, साझा, सतत और समग्र गतिशीलता पहल को बढ़ावा देने के लिए ‘नेशनल मिशन फॉर ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी और बैटरी स्टोरेज ’ शुरू किया।