भारत में कोयला दहन से अत्यधिक वायु प्रदूषण
- 10 Mar 2021
फरवरी 2021 में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के स्वच्छ कोयला केंद्र (IEACCC) के एक अध्ययन के अनुसार भारत में कोयला दहन अत्यधिक वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।
महत्वपूर्ण तथ्य: बिना प्रदूषण नियंत्रण तकनीक वाले कोयला आधारित ताप विद्युत स्टेशन देश में आधे सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), कुल नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) के 30%, अन्य मानव-निर्मित उत्सर्जन के बीच कुल पार्टिकुलेट मैटर (PM) के लगभग 20% के लिए जिम्मेदार हैं।
- ताप विद्युत स्टेशनों में अप्रत्याशित कोयला दहन और नवीनतम ‘कार्बन कैप्चर स्टोरेज’ (carbon capture storage) तकनीक के कार्यान्वयन में देरी, भारत में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।
- वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार परिवहन और अन्य औद्योगिक क्षेत्र, कोयला आधारित ताप विद्युत स्टेशनों के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
सुझाव: प्रदूषण को सीमित करने और ताप-विद्युत स्टेशन दक्षता में सुधार करने के लिए पुराने कोयले वाले विद्युत स्टेशनों को हटाया जाए।
- भारत में सबसे नए उन्नत प्रौद्योगिकी संयंत्र- जैसे गुजरात में ‘मुंद्रा’ और ‘सासन’ आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि स्वच्छ और उन्नत तकनीक में निवेश करने के लिये हितधारकों में आत्मविश्वास नहीं होता है। इसलिए स्वच्छ प्रौद्योगिकी में निवेश की जरूरत है।
- उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन-कैप्चर स्टोरेज (CCS) को अपनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे