डीआईपीएएम और विश्व बैंक में समझौता
- 17 Nov 2020
निवेश और सार्वजनिक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग –डीआईपीएएम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) ने विश्व बैंक के साथ 16 नवम्बर, 2020 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- इसके तहत विश्व बैंक, विभाग को परिसंपति मुद्रीकरण के लिए परामर्शदात्री सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
- वित्त मंत्रालय द्वारा स्वीकृत विश्व बैंक की इस परामर्शदात्री परियोजना का उद्देश्य भारत में सार्वजनिक परिसंपति मुद्रीकरण का मूल्यांकन करना है।
- डीआईपीएएम, विनिवेश प्रक्रिया के तहत भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की गैर जरूरी परिसंपत्तियों (non-core assets) और शत्रु संपत्तियों की (100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की मूल्य वाली) बिक्री की जिम्मेदारी संभालता है।
- विनिवेश विभाग की स्थापना 10 दिसंबर, 1999 को एक अलग विभाग के रूप में की गई थी और बाद में 6 सितंबर, 2001 को इसका नाम बदलकर विनिवेश मंत्रालय कर दिया गया।
- 27 मई, 2004 से, विनिवेश विभाग वित्त मंत्रालय के अधीन विभागों में से एक है। विनिवेश विभाग का नाम बदलकर 14 अप्रैल, 2016 से निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) कर दिया गया।
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