सिविल सेवामें सुधारों के लिए केबिनेट ने दी 'मिशन कर्मयोगी' को मंजूरी
- 03 Sep 2020
- 2 सितंबर, 2020 कोकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'मिशन कर्मयोगी' - राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) को मंजूरी दी।
उद्देश्य
- मिशन कर्मयोगी उद्देश्य मानकीकृत प्रशिक्षण के साथसाझा संकाय (सहयोगात्मक विभाग)और संसाधन को निर्मित करना, जो सिविल सेवा के अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शनको बेहतर करने का अवसर प्रदान करे।
- इसके साथ भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवक को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर तैयार करना है।
पृष्ठभूमि
- सेवाओं की एक विस्तृत विविधता प्रदान करने में, कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने और मूलभूत शासन कार्यों को करने मेंसिविल सेवा की क्षमता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
- भारतीय सिविल सेवक को अधिक रचनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, नवीन, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना।
मुख्य विशेषताएं
कवरेज (कार्यक्षेत्र व्याप्ति)
- इसमें 46 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी सभी स्तरों पर शामिल होंगे।
नागरिक केंद्रित सिविल सेवा:
- ‘मिशन कर्मयोगी’ मूल रूप से “नागरिक केंद्रित सिविल सेवा” के निर्माण पर केंद्रित है जो आर्थिक विकास और लोक कल्याण के लिए अनुकूल सेवाएं बनाने और वितरित करने में सक्षम हो।
- ‘मिशन कर्मयोगी’में "नियम आधारित प्रशिक्षण के बजाय भूमिका आधारित प्रशिक्षण" पर ध्यान केंद्रित किया गया है।इसमें व्यवहारिकबदलाव पर ज़ोर दिया गया है।
आईजीओटी-कर्मयोगी मंच (iGOT Karmayogi Platform)
- एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण, आईजीओटी-कर्मयोगी मंच स्थापित करके 'मिशन कर्मयोगी' कार्यक्रम को वितरित किया जाएगा।
- आईजीओटी-कर्मयोगी मंच के सभी उपयोगकर्ताओं के प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए एक उपयुक्त निगरानी और मूल्यांकन ढांचा भी तैयार किया जाएगा ताकि एक विस्तृत रूपरेखा तैयार करके उनका आकलन किया जा सके।
विशेष प्रयोजन व्हीकल (SPV)
- कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के अधीन एनपीसीएससीबी के लिए पूर्णत स्वामित्व वाले विशेष प्रयोजन व्हीकल (एसपीवी) की स्थापना की जाएगी।
- एसपीवी भारत सरकार की ओर से सभी बौद्धिक संपदा अधिकारों का मालिक होगा।
सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद
- केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रख्यात मानव संसाधन पेशेवरों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में एक सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद विकसित किया जाएगा जोसंपूर्ण क्षमता निर्माण अभ्यास की देखरेख करेगा।
क्षमता निर्माण आयोग
- प्रशिक्षण मानकों के सामंजस्य स्थापित करने, साझा संकाय और संसाधन बनाने और सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों पर पर्यवेक्षी भूमिका निभाने के लिए क्षमता निर्माण आयोग नामक एक विशेषज्ञ निकाय को स्थापित किया जाएगा।
- आयोग "सिविल सेवा रिपोर्ट की वार्षिक स्थिति" को सार्वजानिक रूप से ज़ारी करेगा।
महत्व
- सरकार के मानव संसाधन में सुधार: यह आम तौर पर सरकार के मानव संसाधन प्रबंधन प्रथाओं में सुधार करेगा और यह सिविल सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग करेगा।
- मौजूदा प्रभाव का मुकाबला करना: यह आजीवन और निरंतर सीखने के वातावरण की कमी,भारत की विकास आकांक्षाओं और विविधताओं की साझा समझ को रोकने वाले विभाग स्तर पर प्रकियाओं या प्रणालियोंजैसी मौजूदा बाधाओं को दूर करने में मदद करेगा।
- मूल्य-परिवर्धन:यह निरंतर क्षमता निर्माण, प्रतिभा निकाय के लगातारअपडेट के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा और पेशेवर के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास और सभी स्तरों पर मूल्य संवर्धन के लिए स्व-प्रशिक्षण का एक समान अवसर प्रदान करेगा।
- न्यू इंडिया का साकार रूप: यह कार्यक्रम सिविल सेवकों को अधिक पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान बनाने के साथ-साथ सही रवैया, प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाने में भी मदद करेगा, जो "न्यू इंडिया" के उद्देश्य से जुड़ा है।