कोरोनल मास इजेक्शन के प्रभाव का अवलोकन
- 24 Feb 2024
23 फरवरी, 2024 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा जानकारी दी गई कि आदित्य-एल1 के साथ भेजे गए प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) पेलोड ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभाव का पता लगाया है।
- प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) एक ऊर्जा और द्रव्यमान विश्लेषक है, जिसे निम्न ऊर्जा सीमा (Low Energy Range) में सौर पवन इलेक्ट्रॉनों और आयनों के इन-सीटू माप (In-situ measurements) के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें दो सेंसर हैं: सौर पवन इलेक्ट्रॉन ऊर्जा जांच (Solar Wind Electron Energy Probe: SWEEP) और सौर पवन आयन संरचना विश्लेषक (Solar Wind Ion Composition Analyser: SWICAR)।
- इसरो के बयान में कहा गया है कि PAPA पेलोड द्वारा दी गई जानकारियां अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी में इसकी प्रभावशीलता और सौर परिघटनाओं का पता लगाने एवं विश्लेषण करने की क्षमता पर जोर देती हैं।
- आदित्य-एल1 को 2 सितंबर, 2023 को इसरो द्वारा पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
- oआदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान के साथ सूर्य का अध्ययन करने के लिए 7 पेलोड भेजे गए हैं। इनमें से 4 सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करने तथा अन्य तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापने के लिए निर्देशित हैं।
- PAPA पेलोड को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला और एवियोनिक्स इकाई द्वारा विकसित किया गया था।
कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्या है?
- कोरोनल मास इजेक्शन की खोज वर्ष 1971 में की गई थी तथा बाद में 1980 के दशक में सौर-पार्थिव संबंधों (Solar Terrestrial Relationship) के संदर्भ में इसके महत्व का पता लगाया गया।
- CME में सौर प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के विशाल बादल शामिल होते हैं।
- इसकी उत्पत्ति आम तौर पर सौर ज्वालाओं और फिलामेंट विस्फोटों (Solar Flares and Filament Eruptions) के साथ होती है।
- CME की आवृत्ति 11 वर्ष के सौर चक्र के साथ परिवर्तित होती रहती है। सौर न्यूनतम (Solar Minimum) की दशा में प्रति सप्ताह लगभग एक और सौर अधिकतम (Solar Maximum) के समय प्रति दिन औसतन दो से तीन CME परिघटनाएं देखी जाती हैं।
- कोरोनल मास इजेक्शन के कारण भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storms), अरोरा (Aurorae) और चरम मामलों में विद्युत पॉवर ग्रिड को नुकसान तक पहुंच सकता है।
- सभी कोरोनल मास इजेक्शन पृथ्वी के साथ संपर्क नहीं करते हैं, लेकिन जो पृथ्वी को प्रभावित करते हैं, वे उपग्रह संचार और पॉवर ग्रिड में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं।