Ques 5.
‘एकदा स्पीकर, सदैव स्पीकर’! क्या आपके विचार में लोकसभा अध्यक्ष पद की निष्पक्षता के लिए इस कार्यप्रणाली को स्वीकारना चाहिए? भारत में संसदीय प्रयोजन की सुदृढ़ कार्यशैली के लिए इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?
‘एकदा स्पीकर, सदैव स्पीकर’! क्या आपके विचार में लोकसभा अध्यक्ष पद की निष्पक्षता के लिए इस कार्यप्रणाली को स्वीकारना चाहिए? भारत में संसदीय प्रयोजन की सुदृढ़ कार्यशैली के लिए इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?