भूमि निम्नीकरण: कारण एवं प्रभाव
भूमि निम्नीकरण से तात्पर्य भौतिक, रासायनिक या जैविक कारकों के कारण भूमि की उत्पादकता के अस्थायी (Temporary) या स्थायी अधःपतन (Permanent Degeneration) होने से है। भूमि निम्नीकरण मानवीय एवं प्राकृतिक दोनों कारणों से होता है। देश का लगभग 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र भूमि निम्नीकरण से प्रभावित है तथा 97.85 मिलियन हेक्टेयर (mha) भूमि निम्नीकृत हो चुकी है। इसमें से 3.32 मिलियन हेक्टेयर भूमि 2003-05 से 2018-19 के बीच पिछले 15 वर्षों में निम्नीकृत हुई है।
भूमि निम्नीकरण और मरुस्थलीकरण के कारण
- वनस्पति हानिः यह सर्वविदित तथ्य है कि वृक्ष पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 चक्रवातों की बढ़ती आवृति एवं तटीय क्षेत्र
- 2 भारतीय मानसून के व्यवहार में परिवर्तन: प्रभाव एवं समाधान
- 3 भूमि निम्नीकरण: समस्या, प्रभाव एवं समाधान की रणनीति
- 4 देश में जल संकट: कारण एवं प्रभाव
- 5 संधारणीय पर्यटन : महत्व एवं चुनौतियां
- 6 भारत में आर्द्रभूमियों के पर्यावरणीय महत्व की चर्चा करते हुए इनके समक्ष विद्यमान संकटों को सूचीबद्ध कीजिए?
- 7 महासागरीय संसाधन तथा इसके समक्ष विद्यमान संकट
- 8 मेघ प्रस्फुटन (Cloudburst): उत्पत्ति तथा प्रभाव
- 9 भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण : समस्या एवं समाधान
- 10 समुद्री हीट वेव तथा इसके बहुआयामी प्रभाव