न्यायसंगत एवं प्रभावी कार्य संस्कृति की नैतिकता
कार्य संस्कृति उन मूल्यों, व्यवहारों, रीति-रिवाजों एवं प्रथाओं को संदर्भित करती है, जो किसी कंपनी या संगठन के संचालन के तरीके को बनाते हैं। इसकी उत्पत्ति स्वयं उस संगठन में ही होती है। इसके माध्यम से यह निर्धारित होता है कि कर्मचारियों के मध्य तथा कर्मचारी एवं संगठन के मध्य परस्पर अंतर्वैक्तिक संबंध कैसे संचालित हो रहे हैं।
- किसी संगठन की कार्य संस्कृति उस संगठन के इतिहास, परंपरा, मूल्य व दृष्टिकोण की उपज होती है।
- किसी संगठन की कार्य संस्कृति में, संगठन के मूल्यों, प्राथमिकताओं तथा उन परंपराओं को सम्मिलित किया जाता है; जिससे संगठन के कार्य क्षमता में वृद्धि हो, कर्मचारियों ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 गांधीवादी नैतिकता एवं इसकी प्रासंगिकता
- 2 सुशासन में पारदर्शिता का महत्व
- 3 लोक सेवा में सत्यनिष्ठा की भूमिका
- 4 सिविल सेवा में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका
- 5 सहभागी, समावेशी एवं धारणीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस: महत्व एवं मुद्दे
- 6 भगवान महावीर की शिक्षाएं: वर्तमान में प्रासंगिकता
- 7 लोक सेवा में मूल्य एवं इसका महत्व
- 8 मानव जीन एडिटिंग: नैतिक मुद्दे एवं समाधान
- 9 वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से व्युत्पन्न नैतिक मुद्दे
- 10 वर्तमान परिदृश्य में व्यावसायिक नैतिकता