चंद्रयान-3 मिशन : भारत की अंतरिक्ष यात्रा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर - डॉ. अमरजीत भार्गव

भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में विशाल अप्रयुक्त क्षमता विद्यमान है। सरकार द्वारा पर्याप्त नीतिगत उपायों के माध्यम से इस क्षमता का उपयोग देश को अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व की महाशक्तियों के समकक्ष खड़ा करने हेतु किया जा सकता है। इसरो के अनुभवों से पता चलता है कि अंतरिक्ष गतिविधियां अत्यंत खर्चीली होती हैं तथा निजी क्षेत्र को बढ़ावा देकर निवेश के इस अंतर को पूरा किया जा सकता है। इससे न केवल सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होंगे, बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में शीर्ष स्थान हासिल करने में मदद मिलेगी।

23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की चंद्रमा पर सॉफ्ट ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री