कार्बन उत्सर्जन एवं मानव पर इसके प्रभाव
हाल ही में, ऑस्ट्रिया के ग्राज विश्वविद्यालय (University of Graz) द्वारा एनर्जीज (Energies) नामक पत्रिका में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में पाया गया है कि यदि वर्ष 2100 तक वैश्विक ऊष्मन (ग्लोबल वार्मिंग) 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है या इससे अधिक हो जाता है, तो इससे लगभग 1 अरब लोगों की मृत्यु हो सकती है।
- तेल और गैस उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 40 प्रतिशत से अधिक कार्बन उत्सर्जन करता है, जिससे दूरदराज और अविकसित समुदायों के लोग प्रभावित होते हैं।
- अध्ययन में पाया गया कि कार्बन उत्सर्जन के प्रभाव से होने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 पीएम सूर्य घर योजना की ऐतिहासिक उपलब्धि
- 2 आर्द्रभूमि के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु रामसर पुरस्कार 2025
- 3 कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- 4 जॉर्ज VI आइस शेल्फ के नीचे एक समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र की खोज
- 5 समुद्री घास संरक्षण: पृथ्वी की जैव विविधता का आधार
- 6 मध्य प्रदेश में घड़ियालों का संरक्षण
- 7 भारत का 58वां टाइगर रिजर्व
- 8 आईसलैंड का पहला 'मृत घोषित' ग्लेशियर: ओक्जोकुल
- 9 अंटार्कटिका के नीचे के भूदृश्य का नया मानचित्र: बेडमैप3
- 10 कश्मीर हिमालय में पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहा है
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2023
- 2 प्लास्टिक प्रदूषण से संबंधित वैश्विक संधि का मसौदा
- 3 हीटवेव के कारण ओजोन प्रदूषण
- 4 कार्बन बजट में उचित हिस्सेदारी
- 5 जलवायु से बच्चों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र समिति के दिशा-निर्देश
- 6 भारत के हाथी गलियारों पर रिपोर्ट
- 7 आक्रामक विदेशी प्रजातियों पर रिपोर्ट
- 8 यूरोपीय बम्बलबी की प्रजातियों पर खतरा
- 9 हिमालयी राज्यों में स्थित शहरों की वहन क्षमता
- 10 इंटेलिजेंट वॉटर बॉडी मैनेजमेंट सिस्टम प्रोजेक्ट: तमारा