आयात हेतु अधिमान्य टैरिफ के लिए 'उत्पत्ति का प्रमाण' आवश्यक

हाल ही में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सीमा शुल्क (व्यापार समझौतों के तहत उत्पत्ति के नियमों का प्रशासन) संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित किया है।

  • 18 मार्च, 2025 से प्रभावी इस संशोधन नियम के माध्यम से सीमा शुल्क नियमों [सीमा शुल्क (व्यापार समझौतों के तहत उत्पत्ति के नियमों का प्रशासन) संशोधन नियम, 2020] में महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं।

मुख्य बदलाव

  • अब किसी आयातक को व्यापार समझौते के तहत अधिमान्य टैरिफ (Preferential Tariff) के लिए ‘उत्पत्ति प्रमाणपत्र’ (Certificate of origin) के स्थान पर ‘उत्पत्ति का प्रमाण’ (Proof of origin) प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
    • इससे यह प्रमाणित करने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री