जीन-संपादित केले
हाल ही में ब्रिटेन स्थित बायोटेक कंपनी ‘ट्रॉपिक’ ने ऐसे जीन-संपादित (Gene-edited) केले विकसित किए हैं, जो छीलने के बाद 12 घंटे तक ताजा और पीले बने रहते हैं।
- इन नए केलों की शेल्फ-लाइफ अधिक है तथा ये आसानी से भूरे नहीं पड़ते, जिससे भोजन की बर्बादी को कम किया जा सकेगा।
केले भूरे क्यों हो जाते हैं?
- केले अपने जीवनचक्र में हरे से पीले और फिर भूरे रंग में बदलते हैं। यह प्रक्रिया एथिलीन (Ethylene) नामक हार्मोन के कारण होती है, जो फल के पकने को नियंत्रित करता है।
- केले अन्य फलों की तुलना में काफी अधिक एथिलीन उत्पन्न करते हैं, ....
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