प्राचीन काल में पूर्वी भारत में विकसित गुफा वास्तुकला की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें और इनके ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व का विश्लेषण करें।

उत्तर: प्राचीन काल में पूर्वी भारत में गुफा वास्तुकला का विकास मुख्य रूप से मौर्य काल के दौरान हुआ। बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कई महत्वपूर्ण गुफा संरचनाएं पाई जाती हैं, जो बौद्ध, जैन और हिंदू धर्मों से संबंधित हैं। इन गुफाओं का निर्माण धार्मिक उद्देश्यों के साथ-साथ साधना, ध्यान, शिक्षा और निवास केंद्र के रूप में किया गया था। इन गुफाओं की अद्वितीय स्थापत्य शैली और शिल्पकला तत्कालीन समाज की धार्मिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है।

गुफा वास्तुकला (Cave Architecture)

  • चट्टानों या पहाड़ों को काटकर भवनों या संरचनाओं का निर्माण करने की कला, गुफा
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

मुख्य विशेष