बिहार एवं भारतीय राजनीति की दलीय व्यवस्था के व्यक्ति-उन्मुखी (individualistic) होने की प्रवृत्ति का विश्लेषण कीजिए |
हाल के कुछ दशकों में भारत तथा बिहार के कुछ राजनीतिक दलों में व्यक्ति-उन्मुखी होने की प्रवृत्ति देखी गई है| राजनीतिक दलीय व्यवस्था के व्यक्ति-उन्मुखी होने से तात्पर्य है की राजनीतिक दल अपने निजी दलगत एवं राजनीतिक हित को प्राथमिकता देते है तथा इसे प्राप्त करने के लिए किसी भी नैतिक एवं अनैतिक कार्य को करने से पीछे नहीं हटते हैं| इस प्रवृत्ति को निम्नलिखित तथ्यों में देखा जा सकता है-
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