भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152
हाल ही में राजस्थान उच्च न्यायालय ने तेजेंदर पाल सिंह बनाम राजस्थान राज्य वाद (2024) में वैध असहमति को दबाने के लिए BNS की धारा 152 के संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंता व्यक्त की।
मुख्य बिंदु
- न्यायालय के अनुसार, भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए 'धारा 152' को सावधानी से लागू किया जाना चाहिए।
- न्यायालय के अनुसार, इस प्रावधान का उपयोग वैध असहमति को दबाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करना चाहिए।
बीएनएस की धारा 152
- धारा 152: धारा 152 (BNS) भारत की संप्रभुता, ....
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