रवीन्द्रनाथ टैगोर का शिक्षा-दर्शन पर विचार और वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता पर विस्तृत चर्चा करें।

उत्तर: रवीन्द्रनाथ टैगोर का शिक्षा-दर्शन उनके गहन मानवीय दृष्टिकोण और आध्यात्मिकता पर आधारित था। उनका मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान का संचय नहीं, बल्कि आत्म-साक्षात्कार और संपूर्ण मानवता के प्रति प्रेम विकसित करना है। उन्होंने शिक्षा को स्वाभाविक और रचनात्मक प्रक्रिया के रूप में देखा, जो मनुष्य को उसकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में सक्षम बनाती है।

टैगोर के शिक्षा-दर्शन के प्रमुख पहलू

  1. स्वतंत्रता
    • टैगोर ने शिक्षा में स्वतंत्रता के महत्व पर बल दिया।
    • बच्चों को प्राकृतिक और रचनात्मक माहौल में सीखने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
    • उन्होंने पारंपरिक विद्यालयों को "यांत्रिक शिक्षा के ....
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