भारत के 4 नए रामसर स्थल
31 जनवरी, 2025 को भारत की 4 अन्य आर्द्रभूमियों को रामसर स्थलों की सूची में शामिल किया गया।
- ये 4 नए रामसर स्थल हैं- उधवा झील पक्षी अभयारण्य (झारखंड), खाचोडपलरी आर्द्रभूमि (सिक्किम), सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु) और थेरथंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)।
- भारत में अब अंतरराष्ट्रीय महत्व के कुल रामसर स्थलों की संख्या 89 हो गई है।
- यह पहला अवसर है जब सिक्किम और झारखंड की किसी आर्द्रभूमि को अंतरराष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।
4 नए रामसर स्थल |
|
उधवा झील पक्षी अभयारण्य (Udhwa Lake), झारखंड |
|
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा जोखिम चेतावनी प्रणाली : कवचम
- 2 मीठे पानी के एक चौथाई जानवर विलुप्त होने के खतरे में
- 3 इंडो-बर्मी पैंगोलिन
- 4 भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म
- 5 मियावाकी तकनीक द्वारा प्रयागराज में घने जंगलों का विकास
- 6 भारत का प्रथम जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर
- 7 डिजिटल वृक्ष आधार पहल
- 8 भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति
- 9 अपर-करनाली जलविद्युत परियोजना
- 10 इंदौर और उदयपुर आर्द्रभूमि शहर प्रमाणन की सूची में शामिल
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 सस्टेनेबल सर्कुलरिटी पर तीसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
- 2 इंदौर और उदयपुर आर्द्रभूमि शहर प्रमाणन की सूची में शामिल
- 3 अपर-करनाली जलविद्युत परियोजना
- 4 भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति
- 5 डिजिटल वृक्ष आधार पहल
- 6 भारत का प्रथम जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर
- 7 मियावाकी तकनीक द्वारा प्रयागराज में घने जंगलों का विकास
- 8 भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म
- 9 इंडो-बर्मी पैंगोलिन
- 10 मीठे पानी के एक चौथाई जानवर विलुप्त होने के खतरे में
- 11 आपदा जोखिम चेतावनी प्रणाली : कवचम