भारत-फ्रांस संबंध : सहयोग के प्रमुख क्षेत्र, चुनौतियां एवं आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
भारत और फ्रांस स्वतंत्र विदेश नीति तथा सामरिक स्वायत्तता बनाए रखने को महत्व देते हैं। भारत के परमाणु परीक्षण के दौरान फ्रांस का समर्थन और वर्ष 1998 में रणनीतिक साझेदारी की स्थापना इस आपसी समझ को रेखांकित करती है। यह दृष्टिकोण रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अलग-अलग रुख सहित वैश्विक मुद्दों से निपटने में स्पष्ट है। दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और वैश्विक स्थिरता तथा समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता, तकनीकी उन्नति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को शामिल करते हुए एक उन्नत भारत-फ्रांस साझेदारी रूपरेखा की आवश्यकता है।
25-26 जनवरी, 2024 को फ्रांस ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में उच्च शिक्षा सुधार रोज़गार क्षमता और अनुसंधान मानकों में वृद्धि आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 2 भारत में कौशल अंतराल
- 3 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम विनियामक निगरानी : भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन - आलोक सिंह
- 4 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 5 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 6 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार
- 7 निवारक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता - डॉ. अमरजीत कुमार
- 8 भारत-कुवैत रणनीतिक साझेदारी खाड़ी देशों तक भारत की पहुंच में एक महत्वपूर्ण पड़ाव - आलोक सिंह
- 9 शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन भारत का दृष्टिकोण, चुनौतियां तथा आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 वैश्विक शासन सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता एवं महत्वपूर्ण मुद्दे - आलोक सिंह