2014-22 के दौरान विकास परिदृश्य
2014-22 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक ढांचागत एवं प्रशासनिक सुधार (Structural And Governance Reforms) लागू किए गए। इसके परिणामस्वरूप 2014-22 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रकों को मजबूती मिली हैं।
- 2014 के बाद लागू किए गए सुधार से कार्यक्रमों द्वारा इज ऑफ लिविंग तथा कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business) बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया। ये मुख्य रूप से सार्वजनिक अवसंरचना विकास, विश्वास आधारित प्रशासन को बढ़ावा देने, निजी क्षेत्र को विकास में सहभागी बनाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर आधारित थे।
- 2014-2022 की अवधि के दौरान सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैलेंस शीट में असंतुलन दर्ज की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अध्याय 13:जलवायु परिवर्तन और भारत
- 2 अध्याय 12:अवसंरचना
- 3 अध्याय 11: सेवाएं
- 4 अध्याय 10: मध्यम एवं लघु उद्योग
- 5 अध्याय 9: कृषि और खाद्य प्रबंधन
- 6 अध्याय 8: रोजगार और कौशल विकास
- 7 अध्याय 7: सामाजिक क्षेत्र
- 8 अध्याय 6: जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को अपनाना
- 9 अध्याय 5: मध्य अवधि दृष्टिकोण- न्यू इंडिया के लिए विकास रणनीति
- 10 अध्याय 4: बाह्य क्षेत्र