स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात उत्तर प्रदेश में हुए भूमि सुधारों का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिएI

उत्तर प्रदेश की एक बड़ी जनसंख्या कृषि में संलग्न है, जो भूमि सुधार से सीधे लाभान्वित होती हैI राज्य में भूमि सुधार ‘उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम, 1950’ द्वारा संस्थागत रूप से प्रारंभ किया गयाI इस अधिनियम के द्वारा उत्तर प्रदेश में काश्तकारी सुधार एवं मध्यस्थों का उन्मूलन दोनों ही कार्य साथ-साथ किए गए।

  • 1950 का अधिनियम भूमि पर वास्तवित रूप से कृषि कार्य में संलग्न लोगों को भूमि का मालिकाना हक़ देने का प्रावधान करता हैI इस कानून को अच्छे बनाए गए, मगर उसको लागू करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।
  • भूमि के समेकन ....
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