गांधीवादी नैतिकता एवं इसकी प्रासंगिकता

महात्मा गांधी एक विचारक, लेखक, सार्वजनिक बुद्धिजीवी, राजनीतिक कार्यकर्ता, राजनीतिक सिद्धांतकार और सबसे बढ़कर एक दार्शनिक थे। दार्शनिक के रूप में उनका मुख्य ध्येय प्राणी को मनसा, वाचा, कर्मणा तीनों रूप से पवित्र बनाने का था।

गाँधीवादी नैतिकता

गाँधीवादी नैतिकता उनके विभिन्न सिद्धांतों में परिलक्षित होती है। इस सिद्धांतों में शामिल हैं- सत्याग्रह, सर्वोदय, ट्रस्टीशिप की अवधारणा, अहिंसा आदि।

  • गांधी जी के अनुसार मनुष्य को नैतिक आचरण की शुद्धता पर बल देना चाहिए यह आचरण न केवल व्यक्तीगत जीवन में अपितु पेशेवर जीवन, विद्रोह की प्रणाली सभी में अनुसरित किया जाना चाहिए। जैसे गांधी जी ने साधन व साध्य दोनों की ....
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