यौन उत्पीड़न का मामला समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता
7 नवंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी पक्षों के बीच समझौता होने की स्थिति में यौन उत्पीड़न का मामला बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसे अपराधों का समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
- शीर्ष अदालत द्वारा यह टिप्पणी राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए की गई, जिसमें राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में एक स्कूल में 16 वर्षीय लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द कर दिया गया था।
- न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने संबंधित प्राथमिकी और आगे ....
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