फेक न्यूज़ पर अंकुश लगाने के तंत्र की समीक्षा
हाल ही में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने फेक न्यूज़ पर अंकुश लगाने के लिए मौजूदा तंत्र की समीक्षा करने का निर्णय लिया तथा 21 नवंबर, 2024 को लोक सभा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की अध्यक्षता में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में इस विषय पर विचार-विमर्श किया गया।
- संसदीय समिति द्वारा फेक न्यूज़ पर अंकुश लगाने के तंत्र की समीक्षा करने का यह निर्णय बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियम, 2021 के एक प्रमुख प्रावधान को रद्द करने के दो महीने बाद लिया गया है।
- संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में 'एडाप्टिव डिफेंस' की आवश्यकता
- 2 दिव्यांगजनों के लिए सुगम्यता एक मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
- 3 यौन उत्पीड़न का मामला समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता
- 4 अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
- 5 PMLA के तहत लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक
- 6 सभी निजी संपत्तियां 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' का हिस्सा नहीं
- 7 उ. प्र. मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिक वैधता बरकरार
- 8 74वें संविधान संशोधन के कार्यान्वयन पर निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट
- 9 अंतर-राज्यीय परिषद का पुनर्गठन
- 10 गैर-गतिज युद्ध से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की जांच
- 1 अंतर-राज्यीय परिषद का पुनर्गठन
- 2 74वें संविधान संशोधन के कार्यान्वयन पर निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट
- 3 उ. प्र. मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिक वैधता बरकरार
- 4 सभी निजी संपत्तियां 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' का हिस्सा नहीं
- 5 PMLA के तहत लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक
- 6 अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
- 7 यौन उत्पीड़न का मामला समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता
- 8 दिव्यांगजनों के लिए सुगम्यता एक मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
- 9 भारत में 'एडाप्टिव डिफेंस' की आवश्यकता