नैनो-प्लास्टिक तथा एएमआर
हाल ही में, मोहाली स्थित नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (INST) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के अनुसार, एकल-उपयोग प्लास्टिक की बोतलों (Single-Use Plastic Bottles - SUPBs) से प्राप्त नैनोप्लास्टिक एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic Resistance - AR) के प्रसार में योगदान करते हैं।
- वर्तमान समय में प्लास्टिक प्रदूषण और एंटीबायोटिक प्रतिरोध भारत सहित वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय हैं। विविध माध्यमों से नैनो-प्लास्टिक मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसके साथ ही मानव शरीर में उपस्थित सूक्ष्मजीव और नैनो-प्लास्टिक सह-अस्तित्व में पाये जाते हैं।
- आईएनएसटी के वैज्ञानिकों के अनुसार, लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस (Lactobacillus acidophilus) नामक सूक्ष्मजीव की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अरावली ग्रीन वॉल परियोजना
- 2 गंगा नदी डॉल्फिन टैगिंग
- 3 आर्कटिक में बर्फ रहित दिन
- 4 आर्कटिक टुंड्रा द्वारा कार्बन उत्सर्जन
- 5 ब्लॉब : मरीन हीट वेव
- 6 वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता
- 7 विश्व के 33% रेतीले समुद्र तटों में तटीय कठोरता
- 8 केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना
- 9 जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2025
- 10 रबर के बागानों में मिट्टी के गुण में बदलाव