आर्कटिक टुंड्रा द्वारा कार्बन उत्सर्जन
हाल ही में, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि आर्कटिक टुंड्रा कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और मीथेन (CH₄) जैसे ग्रीनहाउस गैसों (GHG) के उत्सर्जन का स्रोत बन गया है।
- सामान्य पारिस्थितिकी तंत्रों में, कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को पौधे प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से अवशोषित करते हैं और अपघटन के दौरान वापस छोड़ देते हैं। हालाँकि, आर्कटिक टुंड्रा की अत्यधिक ठंड अपघटन को काफी धीमा कर देती है, जिससे पौधे और जानवर पर्माफ्रॉस्ट में जमे रहते है।
- वर्तमान में आर्कटिक क्षेत्र 1.6 ट्रिलियन मीट्रिक टन से ज़्यादा कार्बन संग्रहीत करती है, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अरावली ग्रीन वॉल परियोजना
- 2 गंगा नदी डॉल्फिन टैगिंग
- 3 आर्कटिक में बर्फ रहित दिन
- 4 ब्लॉब : मरीन हीट वेव
- 5 वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता
- 6 विश्व के 33% रेतीले समुद्र तटों में तटीय कठोरता
- 7 नैनो-प्लास्टिक तथा एएमआर
- 8 केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना
- 9 जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2025
- 10 रबर के बागानों में मिट्टी के गुण में बदलाव