भारत के उद्योग

किसी क्षेत्र विशेष में भारी मात्रा में वस्तुओं का निर्माण अथवा उत्पादन अथवा वृहद स्तर पर सेवा प्रदान करने के मानवीय कार्यों को उद्योग कहा जाता है। इस प्रकार के कार्य श्रम अथवा मशीन आधारित होते हैं। वृहद स्तर पर उत्पादित वस्तु में गुणवत्तापूर्ण तथा सस्ती होती हैं। उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुएं लोगों के रहन-सहन में सुधार करने के साथ जीवन को सुविधाजनक बनाती हैं। आधुनिक औद्योगीकरण की प्रक्रिया 17वीं-18वीं शताब्दी में यूरोप से आरंभ हुई मानी जाती है। तकनीकी विकास तथा वैज्ञानिक प्रगति के परिणामस्वरूप समय के साथ औद्योगिक क्रियाकलापों में व्यापक वृद्धि हुई है। भारत में औद्योगिक विकास ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री