मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य

अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हर नागरिक को कुछ अधिकार दिए गए हैं। इसी प्रकार कुछ कर्तव्य हैं जो नागरिकों को अवश्य निभाने चाहिए।

इतिहास

  • भारतीय राष्ट्रमंडल विधेयक (Commonwealth of India Bill), 1925 में भारतीयों के लिए सात मौलिक अधिकारों की मांग की गई।
  • इस विधेयक के बाद साइमन कमीशन का भारत दौरा हुआ, जिसने मौलिक अधिकारों की घोषणा को अधिनियमित करने के विचार को अस्वीकार कर दिया था।
  • 1928 में नेहरू समिति ने "भारत के लिए स्वराज संविधान" (Swaraj Constitution for India) का मसौदा तैयार करने का प्रस्ताव रखा। संविधान के मसौदे ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष