भारतीय न्यायिक प्रणाली

भारत जैसे संसदीय लोकतंत्र में कानून विधायिका द्वारा बनाए जाते हैं और कानून बनाने में कार्यपालिका की प्रत्यक्ष भागीदारी होती है।

  • न्यायपालिका कानून की व्याख्या करने वाली और नागरिकों के अधिकारों की रक्षक है। यह स्वतंत्र रहती है और राज्य के अन्य अंगों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रह कर अपने कार्य को करना सुनिश्चित करती है। इसके उल्लंघन होने पर न्यायपालिका द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है।
  • संविधान के भाग V के अध्याय IV में अनुच्छेद 124-147 शामिल हैं जिनमें संघीय न्यायपालिका से संबंधित प्रावधान हैं।
  • भाग VI के अंतर्गत अध्याय V और VI में अनुच्छेद 214-237 शामिल हैं, जिनमें राज्यों ....
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