भारत में भू-जल संरक्षण की चुनौतियां : भविष्य में जल सुरक्षा हेतु संरक्षण एवं प्रबंधान की अनिवार्यताएं - संपादकीय डेस्क

भारत का भू-जल संसाधन देश की जल आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आर्थिक विकास के साथ ही देश की बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए भू-जल का निष्कर्षण बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन, वैश्विक ऊष्मन आदि कारकों ने जल की उपलब्धता पर विपरीत प्रभाव डाला है। भविष्य में जल सुरक्षा पर आसन्न खतरे को देखते हुए, इस मूल्यवान संसाधन के संरक्षण एवं एकीकृत रूप से प्रभावी प्रबंधन की तत्काल जरूरत है।

हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर (IIT Gandhinagar) के एक शोध में पाया गया है कि देश के कुल भू-जल की कमी ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री