भारत में परिशुद्धता कृषि: चुनौतियां एवं उपाय

परिशुद्धता कृषि (Precision Agriculture) की संकल्पना ने 1990 के दशक के मध्य में जन्म लिया तथा जॉर्जिया विश्वविद्यालय, ऐसा पहला कृषि संस्थान था जिसने इस क्षेत्र में गहन शोध की शुरुआत की।

  • परिशुद्धता कृषि को ‘सैटेलाइट कृषि’ या ‘स्थान विशिष्ट फसल प्रबंधन (SSCM)’ के रूप में भी जाना जाता है। यह कृषि प्रबंधन की अवधारणा है जो विभिन्न फसलों में अंतर तथा अंतर-क्षेत्र परिवर्तनशीलता को देखने, मापने और प्रतिक्रिया देने पर आधारित है।
  • यह एक आधुनिक कृषि पद्धति है जिसमें उत्पादकता एवं लाभप्रदता में सुधार के लिए रिमोट सेंसिंग, जीपीएस और भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) जैसी कृषि प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाता ....
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