मुंडा विद्रोह (उलगुलान) पर विशेष प्रकाश डालते हुए बिहार के जनजातीय आंदोलन के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: बिहार के जनजातीय विद्रोह आमतौर पर किसी खास मुद्दे और स्थानीय असंतोष के कारण उपजे थे। ब्रिटिश सत्ता द्वारा जनजातियों की स्वतंत्र राजनीतिक सत्ता को छिन्न-भिन्न कर दिये जाने एवं अंग्रेजी कानून एवं न्याय व्यवस्था के उनके हक में नहीं होने से निराश होकर उन्होंने विद्रोह का झंडा खड़ा किया।

मुंडा विद्रोह (1899-1900 ई)

  • मुंडा विद्रोह 1857 के पश्चात हुये अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रमुख विद्रोहों में से एक था। यह तत्कालीन बिहार के रांची एवं सिंहभूम के क्षेत्र में फैला था।

पृष्ठभूमि

  • पारंपरिक रूप से मुंडाओं को जंगलों की सफाई करने के रूप में कुछ विशेषाधिकार प्राप्त ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

मुख्य विशेष