प्रकृति-आधारित समाधान : जलवायु परिवर्तन की समस्या के निराकरण का आधार
26 फरवरी से 1 मार्च, 2024 के मध्य केन्या की राजधानी नैरोबी में छठी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (Sixth United Nations Environmental Assembly - UNEA-6) का आयोजन किया गया।
- इस सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने वैश्विक जलवायु संकट की समस्या का सामना करने में प्रकृति-आधारित समाधानों (Nature-based Solutions) की चर्चा की।
- इनके द्वारा वैश्विक जलवायु संकट के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों की बहुत कम फंडिंग की समस्या को भी रेखांकित किया गया।
- वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, जैव विविधता हानि को रोकने, भूमि क्षरण की समस्या पर अंकुश लगाने आदि में प्रकृति-आधारित ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 क्वांटम प्रौद्योगिकी भारत की प्रगति, लाभ एवं चुनौतियां
- 2 भारत में ई-अपशिष्ट उत्पादन कारण, प्रभाव एवं चुनौतियां
- 3 इंडियाएआई मिशन नैतिक एवं जिम्मेदार एआई संबंधी चुनौतियां एवं भारतीय प्रयास
- 4 समुद्री दूरसंचार केबलों की प्रतिरोधक क्षमता आवश्यकता एवं चुनौतियां
- 5 भारत-श्रीलंका संबंध हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा
- 6 जी20 शिखर सम्मेलन 2024 सहभागिता बढ़ाने हेतु समूह को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने की आवश्यकता
- 7 बाल विवाह के खिलाफ संघर्ष समस्या के उन्मूलन हेतु शिक्षा एवं सामाजिक सशक्तीकरण आवश्यक
- 8 राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन कृषि के समग्र दृष्टिकोण एवं धारणीयता की ओर एक कदम
- 9 भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट मतभेद के मुद्दे एवं भविष्य की राह
- 10 भारत में भूख एवं कुपोषण की स्थिति चुनौतियों से निपटने हेतु तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक