ढोकरा शिल्पकला

  • छत्तीसगढ़ के विभिन्न निजी संगठनों द्वारा ढोकरा शिल्पकला (Dhokra Shilpkala) की विरासत को संरक्षित करने की पहल की जा रही है।
  • यह शिल्पकला छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों की संस्कृति का हिस्सा है।
  • यह भारत की 4,000 साल पुरानी धातु ढलाई परंपरा है, जो सांस्कृतिक विरासत के साथ जटिल शिल्प कौशल का मिश्रण है।
  • इस जटिल शिल्पकला के अंतर्गत धातु की मूर्तियां बनाने के लिए ‘लॉस्ट-वैक्स कास्टिंग तकनीक’ (Lost-Wax Casting Technique) का उपयोग किया जाता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

करेंट अफेयर्स न्यूज़