सामान्य अध्ययन 100 अति संभावित विषय - नैतिक मुद्दे (जीएस पेपर-4)

दंड का नैतिक औचित्य

प्रश्न. दंड का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसके नैतिक औचित्य का वर्णन कीजिए?

उत्तर- मनुष्य की संज्ञानात्मक क्षमता के विकास के साथ सामाजिक व्यवस्था के संचालन हेतु दंड की अवधारणा का विकास अत्यंत प्राचीन माना जाता है। समाज में भ्रष्टाचार तथा अनैतिक गतिविधियों पर रोकथाम के लिए अन्य वैकल्पिक उपायों के अभाव में दंड आधुनिक समाजों में भी व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। भारत में कौटिल्य के अर्थशास्त्र से लेकर मध्यकाल तथा आधुनिक कानूनी व्यवस्था के सफल संचालन हेतु दंड के विभिन्न उपाय अपनाए जाते रहे हैं।

दंड के नैतिक औचित्य

  • नैतिकता की अवधारणा में यह ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री