भारत में गर्भपात कानून पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

21 जुलाई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अविवाहित महिला को 24 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी। इससे पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस आधार पर महिला को गर्भपात कराने से इनकार कर दिया था कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी रूल्स 2021, अविवाहित महिलाओं के लिए 24 सप्ताह की सीमा का विस्तार नहीं करता है।

  • पीठ ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में वर्ष 2021 में किये गए संशोधन के तहत इसकी धारा 3 के स्पष्टीकरण में पति के बजाय पार्टनर शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह अविवाहित महिला को अधिनियम के तहत कवर ....
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