दो आकाशगंगाओं के बीच टकराव और तीव्र तारा निर्माण
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज़) के खगोलविदों ने नैनीताल के पास 1.3 मीटर के देवस्थल फास्ट ऑप्टिकल टेलीस्कोप (डीएफओटी) और जायंट मीटर वेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) का उपयोग करके बड़े तारों के गठन में बौनी आकाशगंगा विपथन के पीछे के रहस्य का पता लगाया है|
- खगोलविदों के अनुसार, अत्यधिक तीव्र गति से तारों के निर्माण के लिए आकाशगंगाओं में हाइड्रोजन के बहुत ऊंचे घनत्व की ज़रूरत होती है। आकाशगंगाओं की अच्छी तरह से परिभाषित कक्षाओं में हाइड्रोजन का लगभग सममित वितरण पाया जाता है| बौनी आकाशगंगाओं में हाइड्रोजन अनियमित पाया जाता है और कभी-कभी अच्छी तरह से परिभाषित कक्षाओं में ....
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