उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019
6 अगस्त, 2019 को संसद ने ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 को अनुमति प्रदान की। इस विधेयक को लोकसभा ने 30 जुलाई, 2019 को पारित किया था और 6 अगस्त, 2019 को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक तीन दशकों से भी पुराने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 1986 का स्थान लेगा।
विधेयक का उद्देश्यः इस विधेयक का उद्देश्य उपभोक्ताओं के विवादों के शीघ्र और प्रभावी रूप से समाधान करने के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना करना है।
विधेयक के मुख्य प्रावधान
- उपभोक्ता की परिभाषाः इस विधेयक में उपभोक्ता को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि उपभोक्ता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 राष्ट्रीय जांच एजेंसी की शक्तियों में विस्तार
- 2 सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक 'व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट'
- 3 प्रधानमंत्री द्वारा समान नागरिक संहिता की वकालत
- 4 एक राष्ट्र एक चुनाव से संबंधित विधेयकों की समीक्षा हेतु जेपीसी
- 5 शिकायतों के निराकरण में CPGRAMS की सफलता
- 6 पवित्र उपवनों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
- 7 सार्वजनिक संस्थाओं में अस्थायी रोजगार अनुबंधों का दुरुपयोग चिंताजनक
- 8 POSH अधिनियम के प्रभावी अनुपालन के लिए निर्देश: सुप्रीम कोर्ट
- 9 भारत में 'एडाप्टिव डिफेंस' की आवश्यकता
- 10 दिव्यांगजनों के लिए सुगम्यता एक मौलिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
- 1 अनुच्छेद 371: विशेष राज्य का दर्जा
- 2 राज्यों में विधान परिषद का गठन
- 3 सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) संशोधन विधेयक, 2019
- 4 राजस्थान में ऑनर किलिंग की रोकथाम के लिए विधेयक पारित
- 5 ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलनः शिलांग घोषणा पत्र स्वीकार
- 6 जन औषधि सुगम
- 7 भारत ने विश्व का पहला बायोमैट्रिक नाविक पहचान दस्तावेज लांच किया