टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध

  • भारत ने ‘टूटे चावल के निर्यात’ (broken rice export) पर प्रतिबंध लगा दिया है और गैर-बासमती चावल के विभिन्न ग्रेड के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है।
  • प्रतिबंध का कारण चालू खरीफ मौसम में धान के रकबे में 6 प्रतिशत से अधिक की कमी आना और चावल की कीमतों में वृद्धि है।
  • भारत सालाना 20-22 मिलियन टन चावल का निर्यात करता है, जिसमें 4 मिलियन टन बासमती चावल शामिल है। इससे पहले मई 2022 में भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया ....
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